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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2777
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 10

भौगोलिक सूचना प्रणाली

(Geographic Information System) 

प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।

उत्तर -

भौगोलिक सूचना तंत्र
(Geographical Information System)

भौगोलिक सूचना तंत्र एक कम्प्यूटर आधारित तकनीक है जिसे संक्षेप में जी.आई.एस. (GIS) कहते हैं। यद्यपि इस तकनीक का विकास 1960 के दशक में हुआ था परन्तु विगत कुछ वर्षों में दूर संवेदन (Remote sensing) व कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी (computer technology) के क्षेत्र में हुई अभूतपूर्व प्रगति तथा भिन्न-भिन्न देशों में पर्यावरण-सम्बन्धी सूचनाओं की निरन्तर बढ़ती माँग ने भौगोलिक सूचना तंत्र की तकनीक के अनुप्रयोग (application) का क्षेत्र बहुत व्यापक कर दिया है। इस व्यापकता को भौगोलिक सूचना तंत्र की तकनीक के अनुसार अध्ययन की जाने वाली समस्याओं की विविधता से सहज समझा जा सकता है। भौगोलिक सूचना तंत्र की तकनीक पर आधारित अन्य अनेक सूचना तंत्रों, जैसे भू-सम्पत्ति सूचना तंत्र (Cadastral information system), प्रतिबिम्ब - आधारित सूचना तंत्र (Image based information system), प्राकृतिक संसाधन प्रबन्ध सूचना तंत्र ( Natural resource management information system); बाजार विश्लेषण सूचना तंत्र (Market analysis information system), आयोजन सूचना तंत्र (Planning information system), नगरीय सूचना तंत्र (Urban information system), आपदा प्रबन्ध सूचना तंत्र (Hazard management information system) तथा परिपथ जाल विश्लेषण सूचना तंत्र ( Network analysis information system) आदि का विकास एवं प्रयोग इस विविधता के कतिपय उदाहरण हैं। संक्षेप में यही समझना चाहिए कि उपर्युक्त सभी सूचना तंत्र वास्तव में भौगोलिक सूचना तंत्र के ही विशिष्ट रूप हैं, अन्तर केवल उनमें अध्ययन की जाने वाली विषय-वस्तु का है।

भौगोलिक सूचना तंत्र की परिभाषा ( Definition of GIS)

भौगोलिक सूचना तंत्र को परिभाषित करना इतना सरल नहीं है जितना कि यह दिखलायी देता है। इस समस्या का एक मात्र कारण इस तंत्र की तकनीक के अनुप्रयोग क्षेत्र ( area of application) की विविधता है। वस्तुतः भिन्न-भिन्न विषयों से सम्बन्धित जितनी समस्याओं के अध्ययन में भौगोलिक सूचना तंत्र की तकनीकों का अनुप्रयोग हुआ है, उतने ही इस तकनीक उपनाम व परिभाषाएँ हैं। उदाहरणार्थ, किसी भू-सूचना तंत्र (Land information system) को ऐसा भौगोलिक सूचना तंत्र कहा जा सकता है, जिसमें भू-अभिलेखों ( land records) से सम्बन्धित आँकड़ों या डेटा को केन्द्रीय स्थान प्राप्त है। संक्षेप में, सभी भू-सूचना तंत्र वास्तव में भौगोलिक सूचना तंत्र के ही विभिन्न रूप होते हैं। कुछ विद्वानों ने इन दोनों प्रकारों के सूचना तंत्रों में थोड़ा-सा अन्तर बतलाया है। इन विद्वानों के मतानुसार भौगोलिक सूचना तंत्र में प्रादेशिक, राष्ट्रीय या ग्लोबीय स्तर के बड़े-बड़े क्षेत्रों के सामान्यीकृत आँकड़ों (generalised data) का प्रयोग होता है तथा भू-सूचना तंत्रों में स्थानीय (local) व छोटे-छोटे क्षेत्रों के अपेक्षाकृत विस्तृत आँकड़ों (detailed data) का विश्लेषण किया जाता है।

वस्तुतः अब तक दूर संवेदन की भाँति भौगोलिक सूचना प्रणाली की भी कोई एक सर्वमान्य परिभाषा प्रतिपादित नहीं हो पायी है। अतः भिन्न-भिन्न विद्वानों ने अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार भौगोलिक सूचना प्रणाली को परिभाषित किया है।

'लक्ष्य के सन्दर्भ में प्रयोग किये गये निवेश व प्रदर्शन के अन्य रूपों के उपतंत्रों सहित विभिन्न प्रकार के भौगोलिक डेटा के विश्लेषण एवं हेरफेर के अंकीय तंत्र' को भौगोलिक सूचना प्रणाली कहा जाता है।

स्टीफन्स

'विशेष उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वास्तविक स्थानगत या स्थानिक डेटा के संग्रहण, भण्डारण, इच्छानुसार पुनः प्राप्ति, रूपान्तरण तथा प्रदर्शन के औजारों का एक शक्तिशाली समुच्चय' की संज्ञा दी है।

बररोह तथा मैक्डोनल

भौगोलिक सूचना प्रणाली वह तंत्र है। जो स्थानगत डेटा आधार को प्रयोग करके भौगोलिक प्रकृति वाले प्रश्नों के उत्तर प्रदान करता है।

गुडचाइल्ड

'पृथ्वी के क्षेत्रों के बारे में सूचना के संग्रहण, संचयन, विश्लेषण व प्रसार हेतु हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, डेटा, विशेषज्ञों, संगठनों व संस्थागत व्यवस्थाओं के तंत्र' को भौगोलिक सूचना प्रणाली नाम से पुकारा जाता है।

भौगोलिक सूचना प्रणाली का क्षेत्र (Scope of GIS)

जैसा कि हम पीछे संकेत कर चुके हैं, भौगोलिक सूचना तंत्रों के अन्तर्गत अध्ययन की जाने वाली समस्याओं की विविधता ने इस तंत्र के अनुप्रयोग क्षेत्र को असीमित बना दिया है। वस्तुतः पृथ्वी पर भौगोलिक अवस्थिति (geographical location) के द्वारा संदर्भित लक्षणों के बारे में किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त करने के लिए भौगोलिक सूचना तंत्र की तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। इन कम्प्यूटर आधारित तंत्रों में ऐसे भूगोलीय संदर्भित (geographically referenced ) लक्षणों के अवस्थितिक डेटा (locational data) तथा उनके गुण डेटा (attribute data), दोनों को एक-साथ प्रयोग में लाने की क्षमता होती है। दूसरे शब्दों में, भौगोलिक सूचना तंत्रों में न केवल लक्षणों की अवस्थितियों का स्वतः प्रदर्शन (automatic display ) या मानचित्रण होता है, अपितु ये तंत्र सम्बन्धित लक्षणों के विवेचन - योग्य अभिलक्षणों (descriptive characteristic) के अभिलेखन (recording) व विश्लेषण ( analysis) का एक सम्बन्धपरक डेटा आधार (relational database) भी प्रस्तुत करते हैं। उदाहरणार्थ, सड़क नेटवर्क (road network) के भौगोलिक सूचना तंत्र में न केवल सड़कों की अवस्थितियों (locations) का प्रदर्शन होता है, अपितु उसमें प्रत्येक सड़क का गुणवाचक डेटा जैसे, सड़क की चौड़ाई, सड़क के फर्श का प्रकार (pavement type), ट्रैफिक लेनों की संख्या, निर्माण की तिथि आदि का ब्यौरा भी दिया होता है। इस प्रकार के गुण डेटा की पारस्परिक तुलना (comparison) व संयोजन (combination) के द्वार एकदम नवीन प्रकार की सूचनाएँ प्राप्त की जा सकती हैं। उदाहरण के लिये कम्प्यूटर की सहायता से भिन्न-भिन्न बिन्दुओं के बीच की दूरियों की गणना करके नगरों, विभिन्न प्रकार की सेवाओं (services) एवं सड़कों से दूरता ( remoteness) को प्रदर्शित किया जा सकता है। इस भौगोलिक सूचना तंत्र में यदि कुछ अन्य आवश्यक सूचनाओं, जैसे स्थलाकृतिक प्रवणता (topographic gradient), भू-आवरण ( land cover) व भूमि उपयोग (land use) के प्रकार तथा भू-स्वामित्व सीमाएँ ( landownership boundaries) आदि का संयोजन कर दिया जाये तो भावी आवासीय योजनाओं एवं औद्योगिक इकाइयों की दृष्टि से उपयुक्त स्थलों (sites) को सीमांकित किया जा सकता है। इसी प्रकार विभिन्न प्रकार की भूवैज्ञानिक (geological) व भूभौतिकीय (geophysical) सूचनाओं के संयोजन से धातु वं हाइड्रोकार्बन (hydrocarbon) के अन्वेषण लिये नये क्षेत्र चिह्नित किये जा सकते हैं। उपर्युक्त उदाहरण भौगोलिक सूचना तंत्र के महत्त्व एवं उसके क्षेत्र की विशालता को दर्शाते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
  3. प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
  4. प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
  7. प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
  8. प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
  9. प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  10. प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
  11. प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
  13. प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
  15. प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
  19. प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
  20. प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  21. प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
  23. प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
  24. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
  25. प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
  26. प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
  28. प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
  30. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  32. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
  33. प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
  35. प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
  36. प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
  41. प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
  43. प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
  44. प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
  46. प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
  47. प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
  49. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  50. प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
  51. प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
  52. प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
  53. प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
  55. प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
  57. प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  60. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  61. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  64. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
  66. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
  68. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
  69. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
  70. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
  72. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  74. प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
  75. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  77. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
  79. प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- विश्वस्तरीय सन्दर्भ प्रणाली से आपका क्या आशय है? निर्देशांक प्रणाली के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- डाटा मॉडल अर्थात् आँकड़ा मॉडल से आप क्या समझते हैं? इसके कार्य, संकल्पना और उपागम का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  84. प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
  87. प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  88. प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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